गिरावट के पीछे का कारण क्या है?
पिछले कुछ दिनों में सोने और चांदी की कीमतों में एक बड़ी गिरावट देखने को मिली है, जिससे उन खरीदारों के लिए एक सुनहरा अवसर पैदा हो गया है जो दिवाली और शादी के सीज़न के बाद खरीदारी का मन बना रहे थे। यह गिरावट उन निवेशकों के लिए भी राहत लेकर आई है जो ऊंची कीमतों के कारण बाजार से दूर थे। विशेषज्ञों के अनुसार, इस गिरावट के कई कारण हैं, जिनमें प्रमुख रूप से मुनाफा वसूली, भू-राजनीतिक तनाव में कमी और अमेरिकी डॉलर का मजबूत होना शामिल है।
मुनाफा वसूली का असर:
हाल ही में, सोने-चांदी की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थीं। कीमतों में इस तेज उछाल के बाद, कई निवेशकों ने अपने निवेश को भुनाना शुरू कर दिया, जिसे ‘प्रॉफिट बुकिंग’ कहा जाता है। जब बड़ी संख्या में निवेशक एक साथ मुनाफा कमाने के लिए अपनी होल्डिंग्स बेचते हैं, तो बाजार में आपूर्ति बढ़ जाती है, जिससे कीमतों में गिरावट आती है। यह एक सामान्य बाजार गतिविधि है जो अक्सर रिकॉर्ड ऊंचाई के बाद होती है।
राजनीतिक तनाव में कमी:
सोने को अक्सर ‘सुरक्षित-हेवन’ निवेश माना जाता है, जिसका अर्थ है कि आर्थिक और भू-राजनीतिक अनिश्चितता के समय में इसकी मांग बढ़ जाती है। हाल ही में, अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव में कुछ कमी आने की उम्मीदें बढ़ी हैं। इसके अतिरिक्त, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इजरायल-हमास और रूस-यूक्रेन संघर्षों से उत्पन्न जोखिमों में भी थोड़ी कमी आई है। इससे निवेशकों का सुरक्षित संपत्ति की ओर रुझान कम हुआ है, जिससे सोने-चांदी की मांग और कीमतों में कमी आई है।
मजबूत अमेरिकी डॉलर:
अमेरिकी डॉलर और सोने की कीमत का एक विपरीत संबंध होता है। जब डॉलर मजबूत होता है, तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर-आधारित सोने की कीमतें गिर जाती हैं। हाल ही में, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के रुख और आर्थिक डेटा के कारण डॉलर मजबूत हुआ है, जिसने सोने पर दबाव बनाया है। यह भी एक प्रमुख कारण है कि सोने की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है।
निवेशकों के लिए सुनहरा मौका:
जो लोग लंबे समय से सोने या चांदी में निवेश का विचार कर रहे थे, उनके लिए यह गिरावट एक बेहतरीन अवसर प्रदान करती है। नवंबर का महीना, जिसमें धनतेरस और दिवाली जैसे त्योहारों के बाद भी खरीदारी की रौनक बनी रहती है, अक्सर कीमतों को प्रभावित करता है। फिलहाल, कम कीमतें खरीददारों को आकर्षक रिटर्न का मौका दे रही हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि लंबी अवधि में सोने और चांदी के भाव फिर से बढ़ सकते हैं।
खरीदारी का सही समय?
सोने और चांदी की कीमतों में मौजूदा गिरावट अस्थायी हो सकती है। लंबी अवधि में, ये कीमती धातुएं निवेश के लिए एक अच्छा विकल्प बनी रहती हैं, खासकर महंगाई के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करने और पोर्टफोलियो में विविधता लाने के लिए। इसलिए, अगर आप नवंबर के अंत तक या उससे पहले खरीदारी की योजना बना रहे हैं, तो यह सही समय हो सकता है।
